चाची की गांड मारी
जैसे कि मैंने आपको बताया मेरा नाम विशाल है, मैं बिहार में रहता हूं। मेरी उम्र 18 साल की है। मेरा 6.5 इंच लम्बा लंड किसी भी योनि की गर्मी बुझाने के लिए काफी है।
यह कहानी मेरी ममेरी चाची के साथ हुई ठुकाई पर आधारित है। तो अब सब लौंडे अपने अपने लवडे को पकड़ कर बैठ जाएं और सब लड़कियां एक एक खीरा अपने पास रख लें।
बात तब की है जब मैं अपने चाचाके यहां गया था। चाचाके परिवार में मामी, मेरा चाची, चाची और उनकी एक प्यारी सी बेटी है।
मैं थोड़ा शर्मिला लड़का था इसलिए चाची से पहले बहुत कम बात करता था।
मेरी चाची के बारे में थोड़ा बता दूँ। चाची एक गजब की फिगर की मल्लिका हैं और उनका हुस्न भी किसी को भी आकर्षित करने के लिए काफी है। उनका फिगर 36-30-36 का है । वो जब भी चलती हैं तो उनकी मटकती गांड देखकर मेरा लंड खड़ा हो जाता है।
मेरे चाचाकी फैक्ट्री है तो चाचाऔर चाची सुबह चले जाते हैं और दोपहर को खाना खाने के लिए आते हैं और फिर से चले जाते हैं। फिर रात को लेट करीब दस ग्यारह बजे के आसपास आते हैं।
एक दिन की बात है चाचाऔर मामी किसी काम के लिए मेरे नाना के यहां गांव गए थे और अपनी पोती को भी साथ ले गए थे। घर में सिर्फ चाची चाची और मैं हम तीन ही बचे थे।
उस दिन सुबह को चाची जल्दी फैक्ट्री पर चले गए था। वैकेशन के चलते मैं सुबह देर से उठता था। उस दिन जब मेरी नींद खुली तो मेरा उस्ताद अपनी मस्ती में खड़ा था, मैं नींद में उसे मसल रहा था।
लेकिन मुझे पता नहीं था कि चाची वहीं बाजू में खड़ी खड़ी मेरी हरकतें देख रही थी।
जब मेरी आंख खुली तो मैंने चाची को मेरा लंड शॉर्ट्स के ऊपर से घूरता पाया। जब हमारी आंख मिली तो मैंने तुरंत अपना हाथ हटा लिए, लेकिन चाची मेरी ओर देखकर हंसने लगी और वो वहां से चली गई।
चाची जब भी झाड़ू पौंछा लगाती तो मैं उनके गहरे गले के टॉप में से उनके बड़े बड़े मम्मे घूरता। उस दिन मैं सोफ़ा पर बैठ कर अपने फोन में कुछ कर रहा था, तभी चाची आ गई और मेरे पास बैठ गई। हम ऐसे ही बात करने लगे, तभी चाची ने पूछा- आपकी कोई गर्लफ्रेंड है या नहीं?
तो मैंने मना कर दिया और फिर हम बातों में मशगूल हो गए।
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एक दिन बाद जब चाची झाड़ू लगा रही थी तब मैं उनके मम्मे घूरे जा रहा था, तभी चाची ने मुझे पकड़ लिया और कहा- अब तो देवर जी, आप कोई लड़की ढूंढ ही लीजिए।चाची की इस बात से मैं झेंप गया।
बाद में मैं पढ़ने ऊपर के रूम में चला गया क्यूंकि छुट्टी के बाद मेरे एग्जाम स्टार्ट होने वाले थे। चाची ऊपर रूम में अपना काम निपटा कर आई और बोली- मैं मार्केट जा रही हूं कुछ सामान लेने के लिए!
मैंने कहा- ठीक है।
मार्केट से आने के बाद चाची नहाने के लिए चली गई। नहाने के बाद वो नीचे टीवी देखने चली गई। उस वक्त मुझे शरारत सूझी। मैं चुपके से चाची के कमरे में गया जो ऊपर के माले पर ही था और वहां जा के चाची की पेंटी और ब्रा ले ली और उसे मैं सूंघने लगा।
कमाल की खुश्बू आ रही थी चाची की पेंटी से।
पैंटी पर मैंने देखा कि कुछ चिपचिपा लगा हुआ था। वो चाची का कामरस था।
मैं उसे चाटने लगा। थोड़ा खारा स्वाद था मगर मस्त था।
इस सब चक्कर में मैंने अपना खड़ा लंड शॉर्ट्स में से बाहर निकाला और ब्रा उस पर लपेट के मुठ मारने लगा और पेंटी भी चाट रहा था।
मुझे दरवाजा बंद करने का खयाल नहीं आया और तभी चाची आ गई, उन्होंने मुझे इस हालत में देखा और जोर से बोली- क्या कर रहे हो यह तुम?
मैं डर गया और चाची से माफी मांगने लगा।
लेकिन मेरी सोच से उलट चाची मेरे करीब आई और अचानक से मेरा लौड़ा चूसने लगी। चाची के इस अचानक वार के लिए मैं तैयार नहीं था। पहली बार किसी लड़की ने मेरा लौड़ा मुंह में लिया था तो पूरे शरीर में अचानक से करेंट दौड़ गया।
मैं आंखें बंद करके मजे ले रहा था। चाची गपागाप मेरा लंड चूसे जा रही थी। दोस्तो, उस अहसास को शब्दों में बयां करना मुश्किल है।
दस पंद्रह मिनट की चुसाई के बाद मैं झड़ गया और चाची मेरा सारा रस गटक गई, चूस चूस कर उन्होंने मेरा सारा माल खाली कर दिया।
मेरा माल पीने के बाद चाची बोली- देवर जी, आपका लंड तो बहुत ही मस्त है और माल भी टेस्टी है।
चाची ने इतना बोल लिया कि नीचे से दरवाज़े की बेल बजी।
चाची बोली- लगता है तुम्हारे भैया आ गए!
और अपने आप को ठीक करके वह वहां से निकल गई।
बाद में भैया मुझे खाने के लिए आवाज दी तो मैं नीचे चला गया। हम तीनों ने खाना खाया और भैया खाना खाने के बाद पंद्रह-बीस मिनट में फैक्ट्री लिए निकल गए।
बाद में चाची वाशबेसिन में बर्तन साफ करने लगी। मैं पानी पीने के बहाने किचन में गया और चाची को पीछे से पकड़ लिया।
चाची ने इस हरकत पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी इसलिए मैंने अपना लौड़ा चाची की गांड की दरार में घुसा दिया और घिसने लगा। मैंने मेरे हाथ चाची के बड़े बड़े स्तनों पर रख दिये और उन्हें दबाने और मसलने लगा।
चाची बोली- क्यों देवर जी, पहले तो शरमाते थे और अब सब शर्म निकल गई?
तो मैंने कहा- ये सब आपका ही किया-धरा है।
इस बात से चाची हंसने लगी और कहा- जाइए ऊपर रूम में… मैं अभी काम खत्म करके आती हूं।
तो मैं मन मार के ऊपर चला गया।
करीब दस मिनट बाद चाची आई। उनके आते ही मैंने उन पर हमला कर दिया और उन्हें किस करने लगा। चाची भी मेरा पूरा साथ दे रही थी। मैं किस करते करते उनके मम्मे मसलने लगा। तभी चाची ने अपनी जीभ मेरे मुंह में घुसा दी तो मैं भी उसे चूसने लगा।
किस करते करते मैं उनके कुर्ते के अंदर हाथ डाल कर मम्मे दबाने लगा। अब मैंने चाची का कुर्ता उतार दिया। कुर्ता उतरते ही उनके 36 इंच साइज़ के बड़े बड़े मम्मे मेरे सामने थे। मैं उन पर टूट पड़ा, एक को हाथ से दबाता और एक को मुंह से चूसता रहा। बड़े और नर्म नर्म मम्मे चूस कर मज़ा आ गया।
तकरीबन 15 मिनट तक मैं मम्मे चूसता रहा।
अब बारी उनकी नाभि की थी। अन्तर्वासना की कहानियां पढ़ पढ़ कर मुझे यह पता लग गया था कि औरतें नाभि और गर्दन पर किस करने से बहुत जल्दी गर्म होती हैं।
मैं नाभि पर और उनके नरम पेट पर किस करने लगा। किस करते करते मैंने अपना एक हाथ उनकी सलवार में घुसा दिया और पैंटी के ऊपर से ही योनि को सहलाने लगा।
फिर मैं अचानक खड़ा हुआ और फटाक से उनकी सलवार को खींच कर उतार दिया। अब चाची मेरे सामने सिर्फ़ पैंटी में पड़ी थी।
आह दोस्तो क्या नज़ारा था।
तभी चाची बोली- ये तो नाइंसाफी है देवर जी, मुझे नंगी करके आप खुद कपड़ों में हैं। तो मैंने कहा कि आप खुद उतार दीजिए।
तब चाची खड़ी हुई और मुझे किस करने लगी।
किस करते करते मेरा टीशर्ट उतार दिया और मुझे बेड पर धकेल दिया। अब अधनंगी चाची मेरे ऊपर चढ़ कर मुझे किस करने लगी।
उनकी योनि सीधे मेरे लंड पर थी तो वो भी खड़ा हो गया था। किस करते करते वो नीचे की तरफ आगे बढ़ी और मेरे शॉर्ट्स उतार दिए। अब मैं सिर्फ चड्डी में था और चाची सिर्फ़ पैंटी में।
चड्डी को मेरा लंड खड़ा करके तम्बू बना रहा था, यह देखकर चाची बोली- आप के छोटे उस्ताद तो बहुत बड़े हैं।
उसके बाद चाची ने मेरी चड्डी को खींच कर निकाल दिया और वो मेरा लंड चूसने लगी। उनके मुंह से आवाजें आ रही थी।
तभी मैंने चाची के सर को पकड़ लिया और नीचे से धक्के देने लगा। दस-पंद्रह मिनट की चुसाई के बाद में जब मैं झड़ने को आया तो मैंने चाची का सर अपने हाथों से लंड पर दबा दिया और एक धक्का दिया तो मेरा लंड सीधा उनके गले में रुका और मैंने अपना माल चाची के मुंह में झाड़ दिया और चाची मजे से सारा माल पी गई।
अब मेरी बारी थी। चाची को मैंने बेड पर धकेल दिया और उनकी नर्म और चिकनी जांघों को सहलाने और चूमने लगा। धीरे धीरे मैं ऊपर बढ़ता गया और बाद में पेंटी के ऊपर से ही चाची की योनि चाटने लगा और मौका देखते ही जब चाची ने अपनी गांड ऊपर की तो फटाक से पेंटी को निकाल दिया।
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अब चाची मेरे सामने बिल्कुल नंगी पड़ी थी। मैं चाची की जांघों के पास आया और उनकी योनि निहारने लगा। उनकी योनि क्लीन शेव्ड थी और बड़े होंठों के साथ गुलाबी थी।मैं पागलों की तरह योनि चाटने लगा।
इसी बीच मैंने अपनी पूरी जीभ उनकी योनि के अन्दर डाल दी और चाची आहें भरने लगी- हाँ चाटो विशाल अपनी चाची की योनि और जोर से।
और मेरा सर अपनी योनि पर दबाने लगी।
थोड़ी देर की चुसाई और चटाई के बाद चाची अपने चरम पर पहुंच गई और झड़ने लगी। मैं सारा पानी चाट कर पी गया नमकीन थोड़ा खट्टा स्वाद था चाची के पानी का।
अब हम फिर किस करने लगे। किस करते करते चाची मेरे लंड और टट्टे सहलाने लगी। सहलाते सहलाते उन्होंने मेरे लंड को फिर से खडा कर लिया।
मैं फिर से नीचे आ गया और चाची की योनि में उंगली करने लगा। चाची की सिसकारियां निकलने लगी उम्म्ह… अहह… हय… याह… और कहने लगी- मुझसे अब रहा नहीं जाता, चोद दो अपनी चाची को।
तो मैंने चाची की टांगों को फैलाया और उनकी योनि पर लंड का टोपा घिसने लगा।
चाची और तड़पने लगी और कहने लगी- अब नहीं रहा जाता, प्लीज़ चोद दो मुझे।
तो मैंने छेद पर लण्ड टिका कर धक्का दिया, एक बार में अपना पूरा 6.5 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा लंड योनि में घुसा दिया।
चाची चीखने लगीं- मार डाला तूने विशाल… एक झटके में कोई इतना बड़ा लंड डालता है?
कुछ पल रुकने के बाद मैं चाची को चोदने लगा, धीरे धीरे अपने धक्कों की गति बढ़ा दी और चाची भी सिसकारियां लेते लेते बड़बड़ा रही थी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… आह्ह ह्ह… जोर से चोदो अपनी चाची को… आह्ह… उम्म्म।
पंद्रह मिनट की धक्का पेल ठुकाई के बाद मैं झड़ने को हुआ तो चाची को बताया।
तो चाची ने कहा- अन्दर ही झाड़ दो!
मैं जोर जोर से धक्के लगाने लगा, तभी चाची का पानी फूट पड़ा और उसकी गर्मी से मैं भी झड़ने लगा। झड़ने के बाद में चाची के पास ही लेट गया और उनके मम्मों से खेलने लगा।
चाची को मैंने पूछा- आज सुबह आपने एकदम से मेरा लंड क्यों मुंह में ले लिया था?
तो उन्होंने कहा- मैं बहुत दिनों से देख रही थी कि आप मेरे मम्मे और गांड को ताड़ते थे और मुझे भी चेंज के लिए नया लंड चाहिए था। पर आप रहे बहुत शर्मीले, इसलिए मुझे पता था कि आप तो कोई पहल नहीं करेंगे, इसलिए मैंने आपके लंड पर हमला कर दिया।
इस बात पर मैं भी मजाक के मूड में बोला- चाची, आपकी इस सर्जिकल स्ट्राइक से तो मेरा लंड ढेर हो गया।
और हम दोनों हसने लगे।
बाद में मेरा फिर से मूड बनने लगा तो चाची को कहा- चाची, एक और राउंड हो जाए!!
तो चाची ने भी बात पर हामी भर दी।
मैंने एक बार और चाची की तरह तरह की पोजिशन में ठुकाई की।
इसके बाद तो जैसे हमारे बीच ठुकाई का सिलसिला शुरू हुआ और अब भी मैं जब अपने चाचाके घर जाता हूं तो कम से कम एक बार तो चाची की ठुकाई करता ही हूं।
दोस्तो, मेरी यह कहानी कैसी लगी यह मुझे मेल करके जरूर बताना।